श्री गणेशाय नम:
जय माता दी
देव कथा
भृगु ऋषि कौन हैं?भगवान विष्णु को लात क्यो मारे ?
संत कवि रहीमदास जी का बहुत ही प्रचलित दोहा है-
क्षमा बड़न को चाहिये, छोटन को उत्पात।
का रहीम हरी का घट्यो, जो भृगु मारी लात।।
अर्थात उद्दंडता करने वाले हमेशा छोटे कहे जाते हैं और क्षमा करने वाले ही बड़े बनते हैं।
महर्षि भृगु ब्रह्माजी के मानस पुत्र थे। उनकी पत्नी का नाम ख्याति था जो दक्ष की पुत्री थी। महर्षि भृगु सप्तर्षिमंडल के एक ऋषि हैं। सावन और भाद्रपद में वे भगवान सूर्य के रथ पर सवार रहते हैं।
एक बार की बात है, सरस्वती नदी के तट पर ऋषि-मुनि एकत्रित होकर इस विषय पर चर्चा कर रहे थे कि ब्रह्माजी, शिवजी और श्रीविष्णु में सबसे बड़े और श्रेष्ठ कौन है? इसका कोई निष्कर्ष न निकलता देख उन्होंने त्रिदेवों की परीक्षा लेने का निश्चय किया और ब्रह्माजी के मानस पुत्र महर्षि भृगु को इस कार्य के लिए नियुक्त किया।
महर्षि भृगु सर्वप्रथम ब्रह्माजी के पास गए। उन्होंने न तो प्रणाम किया और न ही उनकी स्तुति की। यह देख ब्रह्माजी क्रोधित हो गए। क्रोध की अधिकता से उनका मुख लाल हो गया। आँखों में अंगारे दहकने लगे। लेकिन फिर यह सोचकर कि ये उनके पुत्र हैं, उन्होंने हृदय में उठे क्रोध के आवेग को विवेक-बुद्धि में दबा लिया।
वहाँ से महर्षि भृगु कैलाश गए। देवाधिदेव भगवान महादेव ने देखा कि भृगु आ रहे हैं तो वे प्रसन्न होकर अपने आसन से उठे और उनका आलिंगन करने के लिए भुजाएँ फैला दीं। किंतु उनकी परीक्षा लेने के लिए भृगु मुनि उनका आलिंगन अस्वीकार करते हुए बोले-“महादेव! आप सदा वेदों और धर्म की मर्यादा का उल्लंघन करते हैं। दुष्टों और पापियों को आप जो वरदान देते हैं, उनसे सृष्टि पर भयंकर संकट आ जाता है। इसलिए मैं आपका आलिंगन कदापि नहीं करूँगा।”
उनकी बात सुनकर भगवान शिव क्रोध से तिलमिला उठे। उन्होंने जैसे ही त्रिशूल उठा कर उन्हें मारना चाहा, वैसे ही भगवती सती ने बहुत अनुनय-विनय कर किसी प्रकार से उनका क्रोध शांत किया। इसके बाद भृगु मुनि वैकुण्ठ लोक गए। उस समय भगवान श्रीविष्णु देवी लक्ष्मी की गोद में सिर रखकर लेटे थे।
भृगु ने जाते ही उनके वक्ष पर एक तेज लात मारी। भक्त-वत्सल भगवान विष्णु शीघ्र ही अपने आसन से उठ खड़े हुए और उन्हें प्रणाम करके उनके चरण सहलाते हुए बोले-“भगवन! आपके पैर पर चोट तो नहीं लगी? कृपया इस आसन पर विश्राम कीजिए। भगवन! मुझे आपके शुभ आगमन का ज्ञान न था।
इसलिए मैं आपका स्वागत नहीं कर सका। आपके चरणों का स्पर्श तीर्थों को पवित्र करने वाला है। आपके चरणों के स्पर्श से आज मैं धन्य हो गया।”
भगवान विष्णु का यह प्रेम-व्यवहार देखकर महर्षि भृगु की आँखों से आँसू बहने लगे। उसके बाद वे ऋषि-मुनियों के पास लौट आए और ब्रह्माजी, शिवजी और श्रीविष्णु के यहाँ के सभी अनुभव विस्तार से कह बताया। उनके अनुभव सुनकर सभी ऋषि-मुनि बड़े हैरान हुए और उनके सभी संदेह दूर हो गए। तभी से वे भगवान विष्णु को सर्वश्रेष्ठ मानकर उनकी पूजा-अर्चना करने लगे।
वास्तव में उन ऋषि-मुनियों ने अपने लिए नहीं, बल्कि मनुष्यों के संदेहों को मिटाने के लिए ही ऐसी लीला रची थी।
Best Astrologer in Delhi, Instant Solution of your problems, Remove Negativity, Remove Bad luck, Remedies of horoscope, Remedies of Vastu, Remedies of Horoscope, Horoscope & Stone Specialist, Business Solutions, Business Problem Solve Through Astrology, Kaal Sarp Yog Remedy, Gem Stone Specialist/ Experts, Shani Sade Sati Dosh Remedies, Court Case Problems Solve Through Astrology, Powerful Vashi Karan Mantra, Lal Kitab Solutions, Instant Result/Solutions Through Astrology, Loshu Grid Upay, Famous Astrologer, Money Problem, Money Solutions, Paisa Tikne Ke Upay, Bina Tod Phod Ke Vastu, Black Magic Removal, Mangal Dosh Nivaran Remedy, Mangal Dosh Upaye, Rahu Ke Upaye, Ketu Ke Upay, Astro consultation online, astro consultation, astro horoscope, astrologer best in india, astrologer number, astrologer online, astrologer reading, astrology best sites, astrology download, astrology horoscope online, astrology learning, astrology most accurate, astrology reading online, astrology services, best accurate astrology, best and accurate horoscope, best astro, best astrologer for online consultation, best astrologer in india online, best astrologer online, best astrologer for online consultation, accurate astrology reading, the best horoscope sites, astrologer, best astrologer for online consultation, Astrology Services, Astrologer In India, Astrology By Name Date Of Birth, Jeevanadi Astrology Specialist, Marriage Astrology Specialist, Corporate Astrology Specialist, Nadi Astrology Specialist, Love Astrology Specialist
ASTROKIDUNIYA