आइए अब हम शनि राहु केतु के बारे में जानते हैं यह कैसे हैं पूरी कायापलट देते हैं अच्छे हैं तो ही नहीं है तो भी : –
ये मकर और कुंभ राशि का स्वामी है। पर कुंभ इसकी मूल त्रिकोण राशि है। कुंभ राशि के 20 अंश तक मूल त्रिकोणी व 21 से 30 अंश तक स्वग्रही होता है। तुला राशि पर उच्च का एवं मेष राशि के 20 अंश तक यह नीच का कहलाता है।
इसके कार्य क्या क्या होते हैं : –
लोहा कोयला तेल वाली वस्तुएं होटल मलवा कचरा गंदगी इत्यादि इसके प्रभाव में रहने वाली वस्तुएं हैं सनी से प्रधानता में इन्हीं वस्तुओं के व्यापार से संबंधित कार्य करने से लाभ प्राप्त होता है